उत्तर प्रदेश में घूमने के पर्यटक
उत्तर प्रदेश में सभी के लिए आकर्षण की कई चीज़ें हैं।
- ताजमहल, आगरा
- प्राचीन तीर्थ स्थानों में वाराणसी, अयोध्या, विंध्याचल, चित्रकूट,शाकम्भरीदेवी सहारनपुर, प्रयागराज (प्रयाग), सोरों, मथुरा, वृन्दावन, देवा शरीफ, नैमिषारण्य आदि है।
- फ़तेहपुर सीकरी में शेख़ सलीम चिश्ती की दरगाह
- सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, संकिसा (फर्रुखाबाद)/ बसंतपुर (ज़िला एटा, उत्तर प्रदेश), कांपिल/ वर्तमान फ़र्रूख़ाबाद, पिपरहवा (जिला सिद्धार्थनगर) और कौशांबी प्रमुख हैं।
- कानपुर देहात जिले में पौराणिक वाणेश्वर महादेव मंदिर और ऐतिहासिक परहुल देवी मंदिर दर्शनीय हैं।
- आगरा, सारनाथ, वाराणसी, प्रतापगढ़, लखनऊ, झांसी गोरखपुर जौनपुर, कन्नौज, महोबा, देवगढ, बिठूर और विंध्याचल हिन्दू एवं मुस्लिम वास्तुशिल्प और संस्कृति के महत्त्वपूर्ण खजाने से भरा हैं।
- उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले में मत्स्येंद्रनाथ (पाटन) नामक प्रसिद्ध देवीपीठ है।
- उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर जिले में महर्षि गोविन्द साहब जी की तपोस्थली और किछौछा में प्रसिद्ध सूफी संत दरगाह शरीफ भी है।
- संतकबीर नगर के मगहर में संतकबीर की समाधि और सोफी निजामुददीन का मजार भी अगयां गाँव में है।
सीता समाहित स्थल (सीतामढ़ी) मंदिर संत रविदास नगर जिला में स्थित है। यह मंदिर इलाहबाद और वाराणसी के मध्य स्थित जंगीगंज बाज़ार से ११ किलोमीटर दूर गंगा के किनारे स्थित है। मान्यता है कि इस स्थान पर माँ सीता से अपने आप को धरती में समाहित कर लिया था। यहाँ पर हनुमानजी की ११० फीट ऊँची मूर्ति है जिसे विश्व की सबसे बड़ी हनुमान जी की मूर्ति होने का गौरव प्राप्त है। स्वामी जितेंद्रानंद जी के असीम प्रयास से और श्री प्रकाश नारायण पुंज की मदद से ये स्थान पर्यटक स्थल के रूप में उभर कर आया है।
जिला मुज़फ्फरनगर में शुक्रताल नामक एक जगह है जिसे हिन्दुओ की धर्मस्थल के रूप में देखा जाता है। शुक्रताल में मुख्यतः रविदास आश्रम और सुक देव आश्रम प्रसिद्ध है। गंगा स्नान पर यहाँ एक बड़े मेले का आयोजन प्रति वर्ष होता है।
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