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उत्तर प्रदेश का जिला चित्रकुट

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चित्रकूट  चित्रकूट में रामघाट मंदाकिनी तीरे अनुसूया आश्रम हनुमान धारा में स्थित मन्दिर चित्रकूट धाम  (Chitrakoot Dham) या  कर्वी  (Karwi)  भारत  के  उत्तर प्रदेश  राज्य के चित्रकूट ज़िले में स्थित एक नगर है। यह उस जिले का मुख्यालय भी है। यह पड़ोस में ही स्थित  मध्य प्रदेश  के  सतना ज़िले  के  चित्रकूट  नगर से जुड़ा हुआ है। [1] [2] विवरण कर्वी  मंदाकिनी नदी  के किनारे पर बसा  भारत  के सबसे प्राचीन तीर्थस्थलों में एक है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 38.2 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला शांत और सुन्दर चित्रकूट प्रकृति और ईश्वर की अनुपम देन है। चारों ओर से विन्ध्य पर्वत श्रृंखलाओं और वनों से घिरे चित्रकूट को अनेक आश्चर्यो की पहाड़ी कहा जाता है। मंदाकिनी नदी के किनार बने अनेक  घाट  और  मंदिर  में पूरे साल श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। माना जाता है कि भगवान  राम  ने  सीता  और  लक्ष्मण  के साथ अपने  वनवास  के चौदह वर्षो में ...

काशी को इतना पवित्र क्यों मानते है

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पवित्र नगरी वाराणसी के एक घाट पर लोग हिन्दू रिवाज करते हुए। वाराणसी या काशी को  हिन्दू धर्म  में पवित्रतम नगर बताया गया है। यहां प्रतिवर्ष १० लाख से अधिक तीर्थ यात्री आते हैं। [10]  यहां का प्रमुख आकर्षण है  काशी विश्वनाथ  मंदिर, जिसमें भगवान शिव के  बारह ज्योतिर्लिंग  में से प्रमुख शिवलिंग यहां स्थापित है। [झ] [11] [12] हिन्दू मान्यता अनुसार गंगा नदी सबके पाप मार्जन करती है और काशी में मृत्यु सौभाग्य से ही मिलती है और यदि मिल जाये तो आत्मा पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त हो कर मोक्ष पाती है।  इक्यावन शक्तिपीठ  में से एक  विशालाक्षी मंदिर  यहां स्थित है, जहां भगवती  सती  की कान की मणिकर्णिका गिरी थी। वह स्थान  मणिकर्णिका घाट  के निकट स्थित है। [13]  हिन्दू धर्म में शाक्त मत के लोग देवी गंगा को भी  शक्ति  का ही अवतार मानते हैं। जगद्गुरु  आदि शंकराचार्य  ने  हिन्दू धर्म  पर अपनी टीका यहीं आकर लिखी थी, जिसके परिणामस्वरूप हिन्दू पुनर्जागरण हुआ। काशी में  वैष्णव  और  शैव ...

उत्तर प्रदेश के काशी तीर्थ का इतिहास

काशी तीर्थ का इतिहास वाराणसी शहर का बड़ा अंश अतिप्राचीनकाल से काशी कहा जाता है। इसे हिन्दू मान्यता में सबसे बड़ा तीर्थ माना जाता है, किन्तु तीर्थ के रूप में वाराणसी का सबसे पुराना उल्लेख  महाभारत  मे मिलता है। [क] [ख] [34] [35]  महाभारत-पूर्व के किसी साहित्य में किसी भी तीर्थ आदि के बारे में कोई उल्लेख नहीं है। आज के तीर्थस्थल तब अधिकतर वन प्रदेश में थे और मनुष्यों से रहित थे। कहीं-कहीं आदिवासियों का वास रहा होगा। कालांतर में तीर्थों के बारे में कही गयी कथाएं अस्तित्त्व में आयीं और तीर्थ बढ़ते गये, जिनके आसपास नगर और शहर भी बसे। भारतभूमि में  आर्यों  के प्रसार के द्वारा तीर्थों के अस्तित्व तथा माहात्मय का पता चला। महाभारत में उल्लेख है पृथ्वी के कुछ स्थान पुण्यप्रद तथा पवित्र होते है। इनमें से कोई तो स्थान की विचित्रता के कारण कोई जन्म के प्रभाव और कोई ॠषि-मुनियों के सम्पर्क से पवित्र हो गया है। [ग] [36]  यजुर्वेदीय  जाबाल उपनिषद  में काशी के विषय में महत्वपूर्ण वर्णन आता है, परन्तु इस  उपनिषद्  को आधुनिक विद्वान उतना प्राचीन नहीं मानते ...

उत्तर प्रदेश का बनारस जिला

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वाराणसी  ( अंग्रेज़ी :  Vārāṇasī ,  हिन्दुस्तानी उच्चारण:  [ʋaːˈɾaːɳəsiː]    (   सुनें ) )  भारत  के  उत्तर प्रदेश  राज्य का प्रसिद्ध नगर है। इसे 'बनारस' और ' काशी ' भी कहते हैं। इसे  हिन्दू धर्म  में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे  अविमुक्त क्षेत्र  कहा जाता है।  [च] [छ] [3] [4] [5] [6]  इसके अलावा  बौद्ध  एवं  जैन धर्म  में भी इसे पवित्र माना जाता है। यह संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है। वाराणसी के मुंशी घाट का एक दृश्य काशी नरेश  (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं। [9]  वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर  उत्तर भारत  का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है।  हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत  का  बनारस घराना  वाराणसी में ही जन्मा एवं वि...

उत्तर प्रदेश का कौशाम्बी जिला

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कौशाम्बी  कौशांबी  भारतीय राज्य  उत्तर प्रदेश  का एक  जिला  है।  मंझनपुर  इसका मुख्यालय है। बौद्ध भूमि के रूप में प्रसिद्ध  कौशांबी   उत्तर प्रदेश  राज्य का एक ज़िला है। कौशांबी, बुद्ध काल की परम प्रसिद्ध नगरी, जो वत्स देश की राजधानी थी। इसका अभिज्ञान, तहसील मंझनपुर ज़िला इलाहाबाद में प्रयाग से 24 मील पर स्थित कोसम नाम के ग्राम से किया गया है। इस जिले में स्थित भरवारी  सबसे घनी आबादी वाला छोटा सा शहर है जो कि खरीदारी के लिए मशहूर है। सबसे नजदीक वाला रेलवे स्टेशन  भरवारी  ही है जहां पर महाबोधि जैसी सुपरफास्ट ट्रेन का स्टॉपेज है। जो कि कौशांबी को बुद्ध सर्किट से जोड़ता है ।ऐतिहासिक दृष्टि से भी कौशांबी काफी महत्वपूर्ण है। यहाँ स्थित प्रमुख पर्यटन स्थलों में शीतला मंदिर, दुर्गा देवी मंदिर, प्रभाषगिरी और राम मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इलाहाबाद के दक्षिण-पश्चिम से 63 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कौशांबी को पहले कौशाम के नाम से जाना जाता था। यह बौद्ध व जैनों का पुराना केंद्र है। पहले यह जगह वत्स महाजनपद के राजा उदयन की रा...

आगरा की घूमने की सबसे अच्छी कौन कौन सी जगह है

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दर्शनीय स्थल आगरा के किले से ताजमहल का दृश्य मुख्य लेख:  आगरा के दर्शनीय स्थल ताजमहल संपादित करें मुख्य लेख:  ताजमहल  और  ताजमहल के मूल एवं वास्तु आगरे का  ताजमहल ,  शाहजहाँ  की प्रिय बेगम  मुमताज महल  का मकबरा, विश्व की सबसे प्रसिद्ध इमारतों में से एक है। यह विश्व के  नये ७ अजूबों  में से एक है और आगरा की तीन  विश्व सांस्कृतिक धरोहरों  में से एक है। अन्य दो धरोहर  आगरा किला  और  फतेहपुर सीकरी jay mahakal  हैं। 1653  में इसका निर्माण पूरा हुआ था। यह  मुगल   बादशाह   शाहजहां  ने अपनी बेगम  मुमताज महल  की याद में बनवाया था। पूरे श्वेत संगमरमर में तराशा हुआ, यह भारत की ही नहीं विश्व की भी अत्युत्तम कृति है। पूर्णतया सममितीय स्मारक के बनने में बाईस वर्ष लगे (1630-1652) व बीस हजार कारीगरों की अथक मेहनत भी। यह मुगल शैली के चार बाग के साथ स्थित है।  फारसी  वास्तुकार उस्ताद ईसा खां के दिशा निर्देश में इसे  यमुना  नदी के किनारे पर बनवाया गया। इसे मृगतृष्णा र...